गणेश जी का वाहन गणेश जी का वाहन मूषक, गणेश जी से | हिंदी भक्ति

"गणेश जी का वाहन गणेश जी का वाहन मूषक, गणेश जी से रूठ गया। हवाई जहाज पर क्या मिला, जो मुझे अब छोड़ दिया। कई युगों से साथ मैं उनके, अब अचानक क्या हुआ। उनकी हरकत से देखो मेरे, दिल को अब आघात हुआ। हवाई जहाज पर देखा उनको, पीड़ा क्या अपनी बताऊँ। मुझ सी न तीव्रता होगी उसकी, न मानो तो उड़ के दिखाऊँ। माता ने जब देखा उसको, मन उनका पसीज गया। डाटूँगी उसको माता बोलीं, सुनकर शान्त वो हो गया। प्रभु को मेरे कुछ न कहना, कह कर वो तो रो गया। कुछ तो कमी होगी मुझमें, जो उन्होंने मुझको त्यागा है। नहीं होगा अब इस जग में, मुझसा कोई अभागा है। तभी गणेश जी वहाँ आ गये, बोले तू तो मेरा दुलारा है। हवाई जहाज की यात्रा का, आनंद मैंने जो उठाया है। कह नहीं सकता मूषक मेरे, अनोखा अनुभव पाया है। अब से तेरे ही साथ रहूँगा, मेरा तुझसे यही वादा है। मूषक अब निश्चिन्त हुआ है, उनके ही चरणों में पड़ा है। गणेश जी का वाहन मूषक, अब देखो प्रसन्न हुआ है। हवाई जहाज को प्रभु ने छोड़ा, सपना ये साकार हुआ है। ............................................ देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit"

 गणेश जी का वाहन

गणेश जी का वाहन मूषक,
गणेश जी से रूठ गया।
हवाई जहाज पर क्या मिला,
जो मुझे अब छोड़ दिया।
कई युगों से साथ मैं उनके,
अब अचानक क्या हुआ।
उनकी हरकत से देखो मेरे,
दिल को अब आघात हुआ।
हवाई जहाज पर देखा उनको,
पीड़ा क्या अपनी बताऊँ।
मुझ सी न तीव्रता होगी उसकी,
न मानो तो उड़ के दिखाऊँ।
माता ने जब देखा उसको,
मन उनका पसीज गया।
डाटूँगी उसको माता बोलीं,
सुनकर शान्त वो हो गया।
प्रभु को मेरे कुछ न कहना,
कह कर वो तो रो गया।
कुछ तो कमी होगी मुझमें,
जो उन्होंने मुझको त्यागा है।
नहीं होगा अब इस जग में,
मुझसा कोई अभागा है।
तभी गणेश जी वहाँ आ गये,
बोले तू तो मेरा दुलारा है।
हवाई जहाज की यात्रा का,
आनंद मैंने जो उठाया है।
कह नहीं सकता मूषक मेरे,
अनोखा अनुभव पाया है।
अब से तेरे ही साथ रहूँगा,
मेरा तुझसे यही वादा है।
मूषक अब निश्चिन्त हुआ है,
उनके ही चरणों में पड़ा है।
गणेश जी का वाहन मूषक,
अब देखो प्रसन्न हुआ है।
हवाई जहाज को प्रभु ने छोड़ा,
सपना ये साकार हुआ है।
............................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

गणेश जी का वाहन गणेश जी का वाहन मूषक, गणेश जी से रूठ गया। हवाई जहाज पर क्या मिला, जो मुझे अब छोड़ दिया। कई युगों से साथ मैं उनके, अब अचानक क्या हुआ। उनकी हरकत से देखो मेरे, दिल को अब आघात हुआ। हवाई जहाज पर देखा उनको, पीड़ा क्या अपनी बताऊँ। मुझ सी न तीव्रता होगी उसकी, न मानो तो उड़ के दिखाऊँ। माता ने जब देखा उसको, मन उनका पसीज गया। डाटूँगी उसको माता बोलीं, सुनकर शान्त वो हो गया। प्रभु को मेरे कुछ न कहना, कह कर वो तो रो गया। कुछ तो कमी होगी मुझमें, जो उन्होंने मुझको त्यागा है। नहीं होगा अब इस जग में, मुझसा कोई अभागा है। तभी गणेश जी वहाँ आ गये, बोले तू तो मेरा दुलारा है। हवाई जहाज की यात्रा का, आनंद मैंने जो उठाया है। कह नहीं सकता मूषक मेरे, अनोखा अनुभव पाया है। अब से तेरे ही साथ रहूँगा, मेरा तुझसे यही वादा है। मूषक अब निश्चिन्त हुआ है, उनके ही चरणों में पड़ा है। गणेश जी का वाहन मूषक, अब देखो प्रसन्न हुआ है। हवाई जहाज को प्रभु ने छोड़ा, सपना ये साकार हुआ है। ............................................ देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit

#गणेश_जी_का_वाहन #nojotohindi

गणेश जी का वाहन

गणेश जी का वाहन मूषक,
गणेश जी से रूठ गया।
हवाई जहाज पर क्या मिला,
जो मुझे अब छोड़ दिया।
कई युगों से साथ मैं उनके,
अब अचानक क्या हुआ।
उनकी हरकत से देखो मेरे,
दिल को अब आघात हुआ।
हवाई जहाज पर देखा उनको,
पीड़ा क्या अपनी बताऊँ।
मुझ सी न तीव्रता होगी उसकी,
न मानो तो उड़ के दिखाऊँ।
माता ने जब देखा उसको,
मन उनका पसीज गया।
डाटूँगी उसको माता बोलीं,
सुनकर शान्त वो हो गया।
प्रभु को मेरे कुछ न कहना,
कह कर वो तो रो गया।
कुछ तो कमी होगी मुझमें,
जो उन्होंने मुझको त्यागा है।
नहीं होगा अब इस जग में,
मुझसा कोई अभागा है।
तभी गणेश जी वहाँ आ गये,
बोले तू तो मेरा दुलारा है।
हवाई जहाज की यात्रा का,
आनंद मैंने जो उठाया है।
कह नहीं सकता मूषक मेरे,
अनोखा अनुभव पाया है।
अब से तेरे ही साथ रहूँगा,
मेरा तुझसे यही वादा है।
मूषक अब निश्चिन्त हुआ है,
उनके ही चरणों में पड़ा है।
गणेश जी का वाहन मूषक,
अब देखो प्रसन्न हुआ है।
हवाई जहाज को प्रभु ने छोड़ा,
सपना ये साकार हुआ है।
............................................
देवेश दीक्षित

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