रात है तारों बिना कलमकारी लाजवाब है क्या य | हिंदी कविता

"रात है तारों बिना कलमकारी लाजवाब है क्या ये हसीं सा ख़्वाब है या ख़्वाब सा हसीन है ©Raza.M.Faizan"

 रात  है  तारों   बिना   कलमकारी  लाजवाब  है
क्या ये हसीं सा ख़्वाब है या ख़्वाब सा हसीन है

©Raza.M.Faizan

रात है तारों बिना कलमकारी लाजवाब है क्या ये हसीं सा ख़्वाब है या ख़्वाब सा हसीन है ©Raza.M.Faizan

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