रोज सुबह एक ख्याल आता है
दिन ढलते ढलते वह बिखर जाता है
यह तो ख्यालों की दुनिया है साहब
यहां ख्याल तो कम ही पूरा होता है
जब ख्याल को एक चाहत से सोचो
हो सकता है वह खयाल कुछ आगे निकल जाए
पर इस जमाने में ख्याल को साबित करने के लिए
दिन रात एक दीवार के पीछे चुप रहने की
शिद्दत से आगे बढ़ना होता है
केवल ख्याल को ख्याल रखने से
वह कभी ख्याल हकीकत में ना बदलता है
तो मेरे दोस्तों तुमसे ख्याल से ख्यालों में
मैं कहता हूं अगर तुम पूरी शिद्दत से
खयाल के पीछे पड़ते जाओ
जरूर तुम्हारा ख्याल हकीकत बन जाए।
©chelsa choudhary
एक #ख्याल
@vks Siyag