तुम राधा जो समझो हो खुद को, राधा के चेहरे पे तम नह | हिंदी शायरी

"तुम राधा जो समझो हो खुद को, राधा के चेहरे पे तम नहीं थे, ये गरीबी की मार है वरना, हम कृष्ण कन्हैया से कम नहीं थे। ©Mukesh Pilania"

 तुम राधा जो समझो हो खुद को,
राधा के चेहरे पे तम नहीं थे,
ये गरीबी की मार है वरना,
हम कृष्ण कन्हैया से कम नहीं थे।

©Mukesh Pilania

तुम राधा जो समझो हो खुद को, राधा के चेहरे पे तम नहीं थे, ये गरीबी की मार है वरना, हम कृष्ण कन्हैया से कम नहीं थे। ©Mukesh Pilania

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