"मंदी अपनी बंदी है मंदी है भाई मंदी है, अर्थव्ययस्था कि बंदी है. लाचार है सरकार नहीं हो रहा कारोबार. बंद है उद्योग धंधे, बंद है कारखाने, फिर भी सरकार के हौसले वारे -नारे. समय है आज मंदी हैँ, कल शर्मिंदगी हो जाएगी."
मंदी अपनी बंदी है मंदी है भाई मंदी है, अर्थव्ययस्था कि बंदी है. लाचार है सरकार नहीं हो रहा कारोबार. बंद है उद्योग धंधे, बंद है कारखाने, फिर भी सरकार के हौसले वारे -नारे. समय है आज मंदी हैँ, कल शर्मिंदगी हो जाएगी.