ज़मीन सूख जाए किसको परवाह है कुछ ख्वाहिशों ने महल | हिंदी Shayari

"ज़मीन सूख जाए किसको परवाह है कुछ ख्वाहिशों ने महल पाल रक्खे हैं, चूल्हा-चौका रोजी-रोटी कोई पूछ ना ले बाबत, साहब ने मज़हबी मुद्दे उछाल रक्खे हैं। –ajay k morya ©s i m m i"

 ज़मीन सूख जाए किसको परवाह है
कुछ ख्वाहिशों ने महल पाल रक्खे हैं,
चूल्हा-चौका रोजी-रोटी कोई पूछ ना ले
बाबत, साहब ने मज़हबी मुद्दे उछाल रक्खे हैं।
                        –ajay k morya

©s i m m i

ज़मीन सूख जाए किसको परवाह है कुछ ख्वाहिशों ने महल पाल रक्खे हैं, चूल्हा-चौका रोजी-रोटी कोई पूछ ना ले बाबत, साहब ने मज़हबी मुद्दे उछाल रक्खे हैं। –ajay k morya ©s i m m i

#dirty_politics

People who shared love close

More like this

Trending Topic