क्यों आती हो याद की जब तुम आ नहीं सकती..
अब तुम्हारा यूँ ख़यालों में आने से क्या होगा...
औऱ रूठ कर गए होते तो मना भी लेते तुम्हें..
तुम तो छोड़ कर गए हो अब मनाने से क्या होगा..
तू बेवफ़ा ही सही मग़र दिल के पास होगा..
मंजूर मुझे तेरी खुशियों का हर राज़ होगा..
औऱ जो तू गुज़रे मेरी आँखों के सामने से,
मैं एक नज़र तुझे देख भी लूँ तो क्या होगा..
©कान्हा रे..
#dryleaf 𝐒𝐢𝐥𝐞𝐧𝐭 𝐰𝐨𝐫𝐝𝐬 @Kamesh Jain ✍..Parth Mishra @sachin ryt here