ऐ दिल जरा सोच कर बतलाना......
मेरे दिल में जो डाला है डेरा तुमने
लम्हा लम्हा साथ बिताया है तुमने!
खामोशियों में भी साथ चलते हो मेरे
चुप रहूँ तो भी जज्बात समझते हो मेरे!
दे चुकी हूँ तुम्हें दिल अब क्या दूँ नजराना!
ऐ दिल जरा सोच के बतलाना.....
©Sam
#Nazrana