आख़िर हो ही गए तुम शांत....
#RIPSushantsinghrajput 😩
प्रिय सुशांत, तुम हो गए आज पूरे शांत...
दुख, संताप, पीड़ा से मन था तुम्हारा आक्रांत।
वो ग़म की चादर ओढ़े कब से थे तुम,
अंदर ही अंदर पनपते ग़म में थे गुमसुम।
अरे किसी को तो अपणा हमसफ़र राज़दार बनाते,
कुछ उसके कुछ अपने दिल की बात सुनाते।
पर क्यों तुम इस क़दर ज़िन्दगी को अलविदा कह गए,
तुम्हारे सारे देखे सपनों को सबसे जुदा कर गए।