मेहनत भी हार जाती है....किस्मत के आगे मेरी..... कभ | हिंदी Shayari

"मेहनत भी हार जाती है....किस्मत के आगे मेरी..... कभी तो आंधियों में भी ....जलती है ...लौ दिए कि.... और कभी एक हल्की सी फूंक ही बहुत है .... मिटाने को रोशनी दिए की!!!!"

 मेहनत भी हार जाती है....किस्मत के आगे मेरी.....
कभी तो आंधियों में भी ....जलती है ...लौ दिए कि....
और कभी एक हल्की सी फूंक ही बहुत है ....
मिटाने को रोशनी दिए की!!!!

मेहनत भी हार जाती है....किस्मत के आगे मेरी..... कभी तो आंधियों में भी ....जलती है ...लौ दिए कि.... और कभी एक हल्की सी फूंक ही बहुत है .... मिटाने को रोशनी दिए की!!!!

#poem

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