"मुस्कान का कोई मोल नहीं होता, मंदिर से घर बहुत दूर है मेरा... आ नहीं सकते,
जब भी देखते उदास बच्चों को
उनका चेहरा हंसी से जगमगा देते है...
रोते हुए बच्चों के आंशुओ को
आँखों से चूरा लेते है,
कहते है..... बच्चे भगवान का रूप होते,
और हर रोज हम अपने भगवान के
दर्शन पा लेते है....!!
©Moksha"