दर दर भटक रही हूं मैं, एक तेरे इंतज़ार में। जाने त | हिंदी Poetry

"दर दर भटक रही हूं मैं, एक तेरे इंतज़ार में। जाने तू कब आयेगा प्रीतम, सोच जी खबराए मेरा। ©Heer"

 दर दर भटक रही हूं मैं,
एक तेरे इंतज़ार में।
जाने तू कब आयेगा प्रीतम,
सोच जी खबराए मेरा।

©Heer

दर दर भटक रही हूं मैं, एक तेरे इंतज़ार में। जाने तू कब आयेगा प्रीतम, सोच जी खबराए मेरा। ©Heer

#इंतज़ार

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