पहला प्यार- एक प्रेम कहानी
हल्की हल्की गुलाबी ठंड का मौसम शुरू हो चुका था।हम अपने शायरियों में मशगूल अपना दिल एक लड़के को दे बैठे थे।वो लड़का कोई और नही , पड़ोस में ही रहने वाला वेद था।उसके हैंडसम होने पर कोई शक नही था पर मुझे खुद के खूबसूरती पर शक जरूर था।
उस दिन हम अपने छत पर खड़े होकर उन्हें शायरियां सुना रहे थे।और सामने की छत से वो चाय की चुस्कियों के साथ हमे लगातार देखते हुए मुस्कुरा रहे थे।हमने सोच लिया, ये सही मौका है दिल की बात बोलने का।हम इज़हार करने ही वाले थे....
"अरे नव्या उठ न, कितने देर सोओगी।पापा को ऑफिस में जर