bharat quotes ये सत्य है कि मुश्किल ये लम्हा है,
विश्राम की इच्छा रखने वाला व्यक्ति ,
आज अपनी आकांक्षाओं का तन्हा है !
हमारी इच्छाशक्ति के बंद कपाट फिर खुलेंगे!
सब्र करो,
इस काल रात्रि के बाद ,
हम फिर अवश्य मिलेंगे!!
मोहल्ले की सड़कों पर फिर शोर होगी ,
सूर्य किरणों की भांति,
पुनः ऊर्जावान हमारी भोर होगी !
नवकुंवित पुष्प पर भौरों की गुंजन ,
फिर हमारे कर्ण स्पर्श करेंगे !
सब्र करो ,
इस काल रात्रि के बाद ,
हम फिर अवश्य मिलेंगे !!
काले मेघों के हटने से आकाश फिर मुस्कुराता है,
कमरे में बंद व्यक्ति भी परछाई रहते,
कहां पूरी तरह एकांत हो पाता है!
जिंदगी आज खुद जिंदगी की भीख मांग रही
कि बचेंगे तो फिर दिल मिलेंगे!
सब्र करो ,
इस काल रात्रि के बाद हम फिर अवश्य मिलेंगे!!
रात्रि का क्या है ?
सूर्य की किरणें पृथ्वी को पुनः प्रकाशित करेंगे,
वसंत ऋतु आएग,
तो फिर पुष्प खिलेंगे !
मगर साथ रहा तो हम फिर मिलेंगे !
सब्र करो ,
इस काल रात्रि के बाद ,
हम फिर अवश्य मिलेंगे !!
जरा उनका सोचो,
जिन्होंने अपनों को इस तूफान में खोया है !
कहते है मनुष्य वहीं पाते हैं जो उन्होंने बोया है !
परन्तु उस नवजात को दुनियादारी की क्या समझ होगी ,
जिसने आंख खोलते ही प्रकृति की इतनी क्रुरता भोगी !!
क्या उस अभागी मां ने उसे अंतिम स्पर्श भी किये होंगे ?
कह न पाई जिससे ,
सब्र कर हम फिर मिलेंगे ,
सब्र कर हम फिर मिलेंगे !!
तुम्हारी मंद अंतरात्मा के द्वार जब खुलेंगे ,
तो सारे प्रभावित तुम्हे अपने ही मिलेंगे ।
कुछ पल जो हम अपनी रफ्तार धीमी करेंगे ,
तो भरोसा रखो ,
हम फिर अवश्य मिलेंगे,
इस काल रात्रि के बाद ,
हम फिर अवश्य मिलेंगे !!
#सब्र_रखो_अवश्य_मिलेंगे