White 3. **पाप की क्षमा**: हालांकि, बाइबल यह भी सिखाती है कि पाप से मुक्ति संभव है। 1 यूहन्ना 1:9 में लिखा है, "यदि हम अपने पापों को स्वीकार करें, तो वह विश्वासयोग्य और धर्मी है, कि हमारे पापों को क्षमा करे और हमें सब अधर्म से शुद्ध करे।"
4. **यीशु मसीह का बलिदान**: बाइबल सिखाती है कि यीशु मसीह का बलिदान पापों की क्षमा के लिए है। यशायाह 53(तिरपन):5 कहता है, "वह हमारे अपराधों के कारण घायल किया गया, वह हमारे अधर्म के कारण कुचला गया; हमारी शांति के लिए उस पर ताड़ना पड़ी, और उसके कोड़े खाने से हम चंगे हुए।"
इस प्रकार, बाइबल पाप को एक गंभीर स्थिति मानती है, लेकिन यह भी बताती है कि यीशु मसीह के माध्यम से पापों से छुटकारा पाया जा सकता है।
©Pr.Vinod sk(Trivandrum,kerala)
#love_shayari आज की बाइबल क्लास से.. अगली क्लास बुधवार (28-08-2024) को है।