कितनी अजीब है इस शहर की तन्हाई भी, हजारों लोग हैं | हिंदी विचार

"कितनी अजीब है इस शहर की तन्हाई भी, हजारों लोग हैं मगर कोई उस जैसा नहीं है।"

 कितनी अजीब है इस शहर की तन्हाई भी,
हजारों लोग हैं मगर कोई उस जैसा नहीं है।

कितनी अजीब है इस शहर की तन्हाई भी, हजारों लोग हैं मगर कोई उस जैसा नहीं है।

कितनी अजीब है इस शहर की तन्हाई भी,
हजारों लोग हैं मगर कोई उस जैसा नहीं है।

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