इन मंहगी हसरतों के मायने याद रखना
हम तक का था क्या सफर याद रखना
लूट हो गई किसी गरीब के घर में
दीवारें में क्या लूटा क्या बचा याद रखना
फुर्सत नहीं किरदार के दर्द समझे कोई
होना चाहिए कहानी में मजा याद रखना
टूटी झोपड़ी में गुजारा बचपन जवानी बदली
बदला नहीं मौसमों का प्रकोप याद रखना
सफलता हार का दूजा पहलू समझो
मिला उसके बदले क्या गया याद रखना
©Rahul Yadav
#talaash