तुम पास नहीं बहोत दूर हो
ये सोच के आँखे भर आई...
न जाने तुम्हारी याद मुझे कैसे आई...
अक्सर सोचते है तुम्हारे बारे मैं
पर फिर भी आज बैचेन क्यू हो गई...
तुम्हारे होने या ना होने से क्या होगा
सोच सोच के मैं डर गई...
पता नहीं क्यू इतका याद कर रहीं हू तुम्हें
जैसे मेरे जिस्म मैं जान नहीं..
बेजान हो गई हू मैं जैसे बिना पेड़ की छाया कोई...
©Mahi Thombare
#Soul✨