तिरंगा आया वैशाखी पर,
लगा के माटी ख़ाकी पर
चेहरा भी बदल गया था
दंगो मे शायद जल गया था
कारगिल का जो पतंगा था,
सब के सामने आज नंगा था
पीठ पर उसके नाखून लगी थी
हर मज़हब की ख़ून लगी थी
ये कैसी आजादी नाम कर दी
कितनी कुर्बानी बदनाम कर दी
तीन रंगों का लिहाज कर
आज तू भी आवाज कर
हिम्मत ला अपनी लाठी पर
ताकि तिरंगा ना आए वैशाखी पर।।
तिरंगा वैशाखी पर.. #Nojotovoice #audio_quote #independence_day_special