🥀💦
बे-क़रारी सी___ बे-क़रारी है !
वस्ल है और__ फ़िराक़ तारी है !!
بے قراری سی__ بے قراری ہے*
وصل ہے اور فراق _ طاری ہے**
जो गुज़ारी न जा सकी हम से !
हम ने वोह ज़िंदगी __गुज़ारी है !!
جو گذاری نہ جا سکی ہم سے*
ہم نے وہ زندگی___ گزاری ہے**
बिन तुम्हारे कभी __नहीं आई !
क्या मिरी नींद __भी तुम्हारी है !!
بن تمہارے کبھی__ نہیں آئی*
کیا میری نیند بھی تمہاری ہے**
उस से कहियो कि___ दिल की गलियों में !
रात दिन तेरी ___इंतिज़ारी है !!
اس سے کہیو___ کے دل کی گلیوں میں*
رات دن تیری ___انتظاری ہے**
हिज्र हो या विसाल __हो कुछ हो !
हम हैं और उस की यादगारी है!!
ہجر ہویا وصال ہو__ کچھ ہو*
ہم ہیں اور اس__ کی یادگاری ہے**
इक महक ____सम्त-ए-दिल से आई थी !
मैं ये समझा तिरी ___सवारी है !!
ایک مہک سمت ___دل سے ائی تھی*
میں یہ سمجھا تیری__ سواری ہے**
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( Joun Elia)
Poet
©खामोशी और दस्तक
गम भरी शायरी
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बे-क़रारी सी___ बे-क़रारी है !
वस्ल है और__ फ़िराक़ तारी है !!
بے قراری سی__ بے قراری ہے*
وصل ہے اور فراق _ طاری ہے**
जो गुज़ारी न जा सकी हम से !
हम ने वोह ज़िंदगी __गुज़ारी है !!