White रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं क़ाइल जब आं | हिंदी Shayari

"White रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं क़ाइल जब आंख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है ©Mr Creation"

 White रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं क़ाइल
जब आंख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है

©Mr Creation

White रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं क़ाइल जब आंख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है ©Mr Creation

#sad_dp

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