#OpenPoetry एक बार फिर उसकी रूह की खूबसूरती के उजा | हिंदी विचार

"#OpenPoetry एक बार फिर उसकी रूह की खूबसूरती के उजाले ने मेरे इस अंधेरी ज़िन्दगी को तारो के चमक से भर दिया।। सब कुछ अपना बनाके उसने मेरे सारे तकलीफों को भी हर लिया।। मैं बहुत अकेला हो गया था ,,भीड़ ने मुझे खुद से अलग कर दिया,,, उसका बहुत बहुत शुक्रिया जब मेरे पास कोई नहीं था,,,तब उसने मुझे अपने दिल में रहने को घर दिया।।।।"

 #OpenPoetry एक बार फिर उसकी रूह की खूबसूरती के उजाले ने मेरे इस अंधेरी ज़िन्दगी को तारो के चमक से भर दिया।।
सब कुछ अपना बनाके उसने मेरे सारे तकलीफों को भी हर लिया।।
मैं बहुत अकेला हो गया था ,,भीड़ ने मुझे खुद से अलग कर दिया,,,
उसका बहुत बहुत शुक्रिया जब मेरे पास कोई नहीं था,,,तब उसने मुझे अपने दिल में रहने को घर दिया।।।।

#OpenPoetry एक बार फिर उसकी रूह की खूबसूरती के उजाले ने मेरे इस अंधेरी ज़िन्दगी को तारो के चमक से भर दिया।। सब कुछ अपना बनाके उसने मेरे सारे तकलीफों को भी हर लिया।। मैं बहुत अकेला हो गया था ,,भीड़ ने मुझे खुद से अलग कर दिया,,, उसका बहुत बहुत शुक्रिया जब मेरे पास कोई नहीं था,,,तब उसने मुझे अपने दिल में रहने को घर दिया।।।।

#Tumhari_khubsoorti....
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