बरसों बाद आई हो घड़ी,लग गई बातों की छड़ी । सबको अप | हिंदी कविता Video

"बरसों बाद आई हो घड़ी,लग गई बातों की छड़ी । सबको अपनी सुनना था,और सब की सुनना था।। पर वक्त अपनी ही गति से चल रहा था। बातें अभी पूरी नहीं हुई,वक्त को कहां पता था।। बहुत कुछ समेटा पर कुछ तो छूट गया था। घर को सब लौट आए पर शायद लौटा कोई नहीं था।। फिर मिलने की चाहत सभी की थी। पर जिम्मेदारियां से सब बंधे थे।। मुलाकातें अब होती रहेंगी और। यादें अपने पिटारे खोलती रहेंगी।। (ख्याल_ए_स्मिता) ,, ©Mrs Smita Sandeep Raghuvanshi "

बरसों बाद आई हो घड़ी,लग गई बातों की छड़ी । सबको अपनी सुनना था,और सब की सुनना था।। पर वक्त अपनी ही गति से चल रहा था। बातें अभी पूरी नहीं हुई,वक्त को कहां पता था।। बहुत कुछ समेटा पर कुछ तो छूट गया था। घर को सब लौट आए पर शायद लौटा कोई नहीं था।। फिर मिलने की चाहत सभी की थी। पर जिम्मेदारियां से सब बंधे थे।। मुलाकातें अब होती रहेंगी और। यादें अपने पिटारे खोलती रहेंगी।। (ख्याल_ए_स्मिता) ,, ©Mrs Smita Sandeep Raghuvanshi

#Dosti

People who shared love close

More like this

Trending Topic