ख़ामोशियों की खिड़की पर तन्हाई को स्पर्श करते हुए | हिंदी Quotes Video

"ख़ामोशियों की खिड़की पर तन्हाई को स्पर्श करते हुए जब हम दोनों एक ही दिशा में सफ़र कर रहे थे ,तो दरअसल हम दो दिशाओं में जा रहे थे और जो हम दोनों के बीच घटता जा रहा था इस दूरी में वो हम दोनों का प्रेम ! एक सीट का फासला इतना लंबा होता जा रहा है जैसे किसी समंदर का ओर छोर प्रेम तो कहीं अंतरिक्ष में गुम किसी तारे सा हो गया है , साथ साथ छूटते सभी स्टेशन अपने साथ एक पूर्णविराम लगाते जा रहे हैं रेल की पटरियां तो आपस में ना जाने कितनी बार इस सफ़र में गले मिलेंगी ,लेकिन हम क्रॉसिंग के दोनों फाटकों जैसे अब दूर ही रहेंगे..!! हम दोनों का ये सफ़र रौंद रहा है हमारे साथ के भविष्य को जो कल तलक दोनों की उँगलियों में फँसा था ,आज खिड़की से बाहर फांदता जा रहा है चलो अभी भी वक़्त है हम दोंनो किसी स्टेशन पर अलग दरवाजों से उतर कर फिर से इन्हीं खिड़कियों के पास गले मिलकर अलविदा कहतें इस ट्रेन को और इस सफ़र को ! ताकि बच जाए वो खूबसूरत साथ जो चमक सके अपने प्रेम के प्रकाश से किसी अंधेरे आकाश में तारे की तरह...!! ©gyan1590 "

ख़ामोशियों की खिड़की पर तन्हाई को स्पर्श करते हुए जब हम दोनों एक ही दिशा में सफ़र कर रहे थे ,तो दरअसल हम दो दिशाओं में जा रहे थे और जो हम दोनों के बीच घटता जा रहा था इस दूरी में वो हम दोनों का प्रेम ! एक सीट का फासला इतना लंबा होता जा रहा है जैसे किसी समंदर का ओर छोर प्रेम तो कहीं अंतरिक्ष में गुम किसी तारे सा हो गया है , साथ साथ छूटते सभी स्टेशन अपने साथ एक पूर्णविराम लगाते जा रहे हैं रेल की पटरियां तो आपस में ना जाने कितनी बार इस सफ़र में गले मिलेंगी ,लेकिन हम क्रॉसिंग के दोनों फाटकों जैसे अब दूर ही रहेंगे..!! हम दोनों का ये सफ़र रौंद रहा है हमारे साथ के भविष्य को जो कल तलक दोनों की उँगलियों में फँसा था ,आज खिड़की से बाहर फांदता जा रहा है चलो अभी भी वक़्त है हम दोंनो किसी स्टेशन पर अलग दरवाजों से उतर कर फिर से इन्हीं खिड़कियों के पास गले मिलकर अलविदा कहतें इस ट्रेन को और इस सफ़र को ! ताकि बच जाए वो खूबसूरत साथ जो चमक सके अपने प्रेम के प्रकाश से किसी अंधेरे आकाश में तारे की तरह...!! ©gyan1590

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