एक एक दिन जो मैं तन्हा गुजारता हूँ,
मेरी जान मैं हर साँस में तुझको पुकारता हूँ।।
देख तुझे रक़ीब के साथ कैसे बताऊं मैं,
ख़ुद को संभालता हूँ।।
खताएँ तेरी कुछ भी नहीं,
मैं सरफिरा हूं जो कमियाँ तुझमें निकलता हूँ।।
जा चुकी है ज़िंदगी से तू मेरी,
मैं क्यों आज भी तेरी तस्वीरें निहारता हूँ।।
©Vaibhabi singh
एक एक दिन ❤️❤️
#LostInSky