गांव का हर इक छोर अपनी कहानी कहता है, हम सब के भीत | हिंदी Poetry

"गांव का हर इक छोर अपनी कहानी कहता है, हम सब के भीतर अपना एक गांव रहता है। जहा घुली है मिश्री पंछियों की पुकार में, बरगद की छांव में सुकून जन्नत का मिलता है। पैरों के निशान खेत की पगडंडी पर छोड़ आए है, इमलियां तोड़ खाने का पल भी कहा लौट पाए है। शहरो में खेत दो प्रेमियों को कहा ढक पाते है, ना रोटियों में चूल्हे की खुशबू धुल पाती है। इन बन्द दीवारों में बुजुर्गो का दम घुटता है, दादी की कहानियां सुनने का वक्त किसको होता है। ऊंची इमारतों ने मानवता का कद छोटा कर दिया है, हर रात वीरान सड़क पर कोई पशु मरा मिलता है। गांव में बिजली चले जाने पर उत्सव छा जाता है, शहरो में हर जगह सिर्फ सन्नाटा पसरा मिलता है। गांव सिमटते जा रहे ,शहर अपनी जड़े फेला रहा है। गांव की मिट्टी बंजर हो रही है, आओ दो बूंदे प्रेम की मिला कर गांव को नष्ट होने से बचाएं। ©@deep_sunshine1210"

 गांव का हर इक छोर अपनी कहानी कहता है,
हम सब के भीतर अपना एक गांव रहता है।

जहा घुली है मिश्री पंछियों की पुकार में,
बरगद की छांव में सुकून जन्नत का मिलता है।

पैरों के निशान खेत की पगडंडी पर छोड़ आए है,
इमलियां तोड़ खाने का पल भी कहा लौट पाए है।

शहरो में खेत दो प्रेमियों को कहा ढक पाते है,
ना  रोटियों में चूल्हे की खुशबू धुल पाती है।

इन बन्द दीवारों में बुजुर्गो का दम घुटता है,
दादी की कहानियां सुनने का वक्त किसको होता है।

ऊंची इमारतों ने मानवता का कद छोटा कर दिया है,
हर रात वीरान सड़क पर कोई पशु मरा मिलता है।

गांव में बिजली चले जाने पर उत्सव छा जाता है,
शहरो में हर जगह सिर्फ सन्नाटा पसरा मिलता है।


गांव सिमटते जा रहे ,शहर अपनी जड़े फेला रहा है।
गांव की मिट्टी बंजर हो रही है, 
आओ दो बूंदे प्रेम की मिला कर
 गांव को नष्ट होने से बचाएं।

©@deep_sunshine1210

गांव का हर इक छोर अपनी कहानी कहता है, हम सब के भीतर अपना एक गांव रहता है। जहा घुली है मिश्री पंछियों की पुकार में, बरगद की छांव में सुकून जन्नत का मिलता है। पैरों के निशान खेत की पगडंडी पर छोड़ आए है, इमलियां तोड़ खाने का पल भी कहा लौट पाए है। शहरो में खेत दो प्रेमियों को कहा ढक पाते है, ना रोटियों में चूल्हे की खुशबू धुल पाती है। इन बन्द दीवारों में बुजुर्गो का दम घुटता है, दादी की कहानियां सुनने का वक्त किसको होता है। ऊंची इमारतों ने मानवता का कद छोटा कर दिया है, हर रात वीरान सड़क पर कोई पशु मरा मिलता है। गांव में बिजली चले जाने पर उत्सव छा जाता है, शहरो में हर जगह सिर्फ सन्नाटा पसरा मिलता है। गांव सिमटते जा रहे ,शहर अपनी जड़े फेला रहा है। गांव की मिट्टी बंजर हो रही है, आओ दो बूंदे प्रेम की मिला कर गांव को नष्ट होने से बचाएं। ©@deep_sunshine1210

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