जब माता शबरी की वर्षो की तपस्या पूरी होती है ,त

"जब माता शबरी की वर्षो की तपस्या पूरी होती है ,तब जब उन्हें प्रभु श्री राम के दर्शन होते है । और माता शबरी अपने जुठ्ठे बेर उन्हें खिलाती है ,उस दृश्य के कल्पना मात्र से ही मेरी आत्मा आनंदित हो जाती है। ©सीमा कोमरे"

 जब माता शबरी की  वर्षो  की तपस्या पूरी होती है  ,तब जब उन्हें प्रभु श्री राम के दर्शन होते है ।
और माता शबरी अपने जुठ्ठे बेर  उन्हें खिलाती है ,उस दृश्य के कल्पना मात्र से ही मेरी  आत्मा आनंदित हो जाती है।

©सीमा कोमरे

जब माता शबरी की वर्षो की तपस्या पूरी होती है ,तब जब उन्हें प्रभु श्री राम के दर्शन होते है । और माता शबरी अपने जुठ्ठे बेर उन्हें खिलाती है ,उस दृश्य के कल्पना मात्र से ही मेरी आत्मा आनंदित हो जाती है। ©सीमा कोमरे

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