थोड़ा सरल ,थोड़ा सहज हो जाओ ज़िंदगी
न रहो यूँ खफ़ा थोड़ा और करीब आ जाओ
शिदत से निभाए हमने सब वादे ज़िंदगी
सबकी सुनी मानी हमने, तुम जान जाओ
थोड़ा सरल ,थोड़ा सहज हो जाओ ज़िंदगी
न रहो यूँ खफ़ा थोड़ा और करीब आ जाओ
अब थकने लगा हूँ ,ऐ हसीन मेरी ज़िंदगी
मेरे लफ़्ज़ों - अल्फ़ाज़ों को पढ़ भी जाओ
कर दो नव श्रृंगार मेरी कलम का ज़िंदगी
मै लिखू इक खत तुम गुनगुना भी जाओ
थोड़ा सरल ,थोड़ा सहज हो जाओ ज़िंदगी
न रहो यूँ खफ़ा थोड़ा और करीब आ जाओ
©advocate SURAJ PAL SINGH
#tanha