गिरते हुए को उठा ले, ऐसा कुछ काम कर,
इंसानियत बढ़ेगी, एक दूजे का हाथ थाम कर
चुगली करके , कुछ हासिल नहीं होता मेरे यार,
कभी जरूरतमंदो के लिए, अपनी एक शाम कर।
गिरते हुए को उठा ले, ऐसा कुछ काम कर,
इंसानियत बढ़ेगी, एक दूजे का हाथ थाम कर
पत्थर तोडना भी बेहतर है, हुनर भी न हो तो,
जिंदगी यूँ कटती नहीं, कभी किसी के नाम पर
गिरते हुए को उठा ले, ऐसा कुछ काम कर,
इंसानियत बढ़ेगी, एक दूजे का हाथ थाम कर
©Kamlesh Kandpal
#Insaniyat