किसी चीज से भी न चिढ़ो काम उसी निर्लिप्त भाव से कर
"किसी चीज से भी न चिढ़ो काम उसी निर्लिप्त भाव से करो जिस तरह वैद्य लोग अपने रोगियों की चिकित्सा करते हैं और रोग का अपने पास नहीं फटकने देते। सब उलझनों से मुक्त अथवा दृष्टा साक्षी की भावना से काम करो।
स्वामी रामतीर्थ"
किसी चीज से भी न चिढ़ो काम उसी निर्लिप्त भाव से करो जिस तरह वैद्य लोग अपने रोगियों की चिकित्सा करते हैं और रोग का अपने पास नहीं फटकने देते। सब उलझनों से मुक्त अथवा दृष्टा साक्षी की भावना से काम करो।
स्वामी रामतीर्थ