"मेरे जख्मों को अपने होठों से छू दो प्रिय, मेरी पीढा को आराम मिल जाएगा, बाद मरने के चंदन जो मुझको मिले बाद, मरने के चंदन जो मुझको मिले, स्वर्ग ऐसा मैं पाना नहीं चाहता,"
मेरे जख्मों को अपने होठों से छू दो प्रिय, मेरी पीढा को आराम मिल जाएगा, बाद मरने के चंदन जो मुझको मिले बाद, मरने के चंदन जो मुझको मिले, स्वर्ग ऐसा मैं पाना नहीं चाहता,