White ज़ब बन्दर की उछल कुद धीरे धीरे बन्द होती | हिंदी Poetry

"White ज़ब बन्दर की उछल कुद धीरे धीरे बन्द होती गई तो वो बंदर इंसान बनता गया लेकिन इस नए दौर मे इंसान की नई उछल कूद देख लगा जैसे वो इंसान फिर से बंदर न बन गया हो ©Parasram Arora"

 White ज़ब बन्दर  की  
उछल कुद धीरे धीरे
 बन्द होती गई 
तो वो बंदर इंसान 
बनता गया 

लेकिन इस नए
 दौर मे इंसान की नई 
उछल कूद देख 
लगा जैसे वो इंसान 
फिर से बंदर न बन गया हो

©Parasram Arora

White ज़ब बन्दर की उछल कुद धीरे धीरे बन्द होती गई तो वो बंदर इंसान बनता गया लेकिन इस नए दौर मे इंसान की नई उछल कूद देख लगा जैसे वो इंसान फिर से बंदर न बन गया हो ©Parasram Arora

उछल कूद

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