क्यों ढूंढती हो इतनी कमियां मुझ में
भला क्या ही मिलेगा तुम्हे ?
दो चार आदतों के सिवा है ही क्या मुझ में।
इनसे भी भला क्या तकलीफ है तुम्हें ?
तुम्हे खोने का डर अब नहीं बचा मुझ में।
क्यो करते है नशा , क्या ही बताएं अब तुम्हें ।
कैसे ढूंढ ली तमाम कमियां मुझ में ?
कमल है , इस बात का जरा भी गुरुर नही तुम्हे ।
©Ronak_S_RAJPUT
#शायरी
#Broken