इस बांवरे मन को तू ठहरा हुआ पाएगा ।।
जब लौठके वो वापस तेरी ओर चला आएगा ।।
होगा फिर एक ही चहरा उसके नैनो में बसेरा ,
फिर अपना तू पाएगा ।।
जब दिन वो ढल जाएगा , फिर सहर नई लाएगा ।।
जब लौटके वो वापस तेरी ओर चला आएगा ।।
इस बांवरे मन को तू ठहरा हुआ पाएगा ।।
@writerRai
इस बांवरे मन को तू ठहरा हुआ पाएगा ।।
जब लौठके वो वापस तेरी ओर चला आएगा ।।
होगा फिर एक ही चहरा उसके नैनो में बसेरा ,
फिर अपना तू पाएगा ।।
जब दिन वो ढल जाएगा , फिर सहर नई लाएगा ।।
जब लौटके वो वापस तेरी ओर चला आएगा ।।
इस बांवरे मन को तू ठहरा हुआ पाएगा ।।