दिनांक- ३०/१०/२०२०
विषय- चित्राधार लेखन
विधा - हाइकू
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१. जैसे ही झुका
मैं चरणों को छूने
मिला आशीष
२. पाके आशीष
हुआ पुण्य प्रतीत
मिटा अज्ञान
३. सलाह मन
मैं हुआ धनवान
मिला सम्मान
४. मिटा अज्ञान
पा के ये संस्कार
जीवन सार
५. वे परिपूर्ण
निज अनुभव से
सिखाते बात
६. दिखाते राह
तुम्हारा कल्याण ही
उनकी चाह
७. करो आदर
उत्तम व्यवहार
सीखो संस्कार
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- ब्रजेन्द्र मिश्रा
(स्वरचित)
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©Brajendra Mishra