सादर नंदन अभिनंदन, आज करिश्मा करता हूं इतिहास ब्रह | हिंदी कविता

"सादर नंदन अभिनंदन, आज करिश्मा करता हूं इतिहास ब्रह्मास्त्र की पुस्तक की, खूब प्रशंसा करता हूं इस पुस्तक को हल करके, हमें आकलन करना है कहां तलक की है तैयारी, खुद को आज परखना है। परीक्षा कक्ष की याद दिलाते, प्रश्न ब्रह्मास्त्र में ऐसे है बता रहा हूं सुनो पाठकों, रामबाण के जैसे है गर पंखों को आसमान है देना, मेहनत बहुत जरूरी है सरकारी पद की चाहत है, तो यह पुस्तक बहुत जरूरी है। ✍️✍️ शेखर श्रीवास्तव"

 सादर नंदन अभिनंदन, आज करिश्मा करता हूं
इतिहास ब्रह्मास्त्र की पुस्तक की, खूब प्रशंसा करता हूं
इस पुस्तक को हल करके, हमें आकलन करना है 
कहां तलक की है तैयारी, खुद को आज परखना है।

परीक्षा कक्ष की याद दिलाते, प्रश्न ब्रह्मास्त्र में ऐसे है
बता रहा हूं सुनो पाठकों, रामबाण के जैसे है
गर पंखों को आसमान है देना, मेहनत बहुत जरूरी है 
सरकारी पद की चाहत है, तो यह पुस्तक बहुत जरूरी है।
                             ✍️✍️      शेखर श्रीवास्तव

सादर नंदन अभिनंदन, आज करिश्मा करता हूं इतिहास ब्रह्मास्त्र की पुस्तक की, खूब प्रशंसा करता हूं इस पुस्तक को हल करके, हमें आकलन करना है कहां तलक की है तैयारी, खुद को आज परखना है। परीक्षा कक्ष की याद दिलाते, प्रश्न ब्रह्मास्त्र में ऐसे है बता रहा हूं सुनो पाठकों, रामबाण के जैसे है गर पंखों को आसमान है देना, मेहनत बहुत जरूरी है सरकारी पद की चाहत है, तो यह पुस्तक बहुत जरूरी है। ✍️✍️ शेखर श्रीवास्तव

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