गिरना भी तुम्हें है फिर संभलना भी तुम्हें है.. इस | हिंदी Poetry Video

"गिरना भी तुम्हें है फिर संभलना भी तुम्हें है.. इस पल-पल बदलते मौसम में, फूल बनकर खिलना भी तुम्हें है.. छायेगा अंधेरा उमडेंगे बादल घने, आयेगी आंधी और तूफान भी.. पर तुम भूलो मत, हर मुश्किल से लड़ना भी तुम्हे है.. और एक आज़ाद पंछी बन उड़ना भी तुम्हे है.. ©Kamya Tripathi "

गिरना भी तुम्हें है फिर संभलना भी तुम्हें है.. इस पल-पल बदलते मौसम में, फूल बनकर खिलना भी तुम्हें है.. छायेगा अंधेरा उमडेंगे बादल घने, आयेगी आंधी और तूफान भी.. पर तुम भूलो मत, हर मुश्किल से लड़ना भी तुम्हे है.. और एक आज़ाद पंछी बन उड़ना भी तुम्हे है.. ©Kamya Tripathi

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