#5LinePoetry जमीं से लेकर आसमान के झुक जाने तक,
याद आऊँगा तुम्हें साँसो के रुक जाने तक।
कर ले सितम मुझको सताने की रुलाने की,
तू लाख कर ले कोशिश मुझको भुलाने की।
न भूलोगे हमें चाँद - तारों के छुप जाने तक,
याद आऊँगा तुम्हें साँसो के रुक जाने तक।
©Govind Pandram
#5LinePoetry