कर्म से बंधे पांव छीन लेते हैं मेरे पंखों का जोश व

"कर्म से बंधे पांव छीन लेते हैं मेरे पंखों का जोश वरना यूं तो आसमां से मेरा बहुत पुराना नाता है कर दे अपनी दया की बारिश इस कदर ऐ खुदा मेरी बंदगी तेरी रहमतों के काबिल महसूस हो मुझे ©UDS"

 कर्म से बंधे पांव छीन लेते हैं मेरे पंखों का जोश
वरना यूं तो आसमां से मेरा बहुत पुराना नाता है
कर दे अपनी दया की बारिश इस कदर ऐ खुदा
मेरी बंदगी तेरी रहमतों के काबिल महसूस हो मुझे

©UDS

कर्म से बंधे पांव छीन लेते हैं मेरे पंखों का जोश वरना यूं तो आसमां से मेरा बहुत पुराना नाता है कर दे अपनी दया की बारिश इस कदर ऐ खुदा मेरी बंदगी तेरी रहमतों के काबिल महसूस हो मुझे ©UDS

#fourlinepoetry

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