"एक सच है जो तुमको बतानी है।
कुछ दिन का सफ़र नहीं है ये,
तुम्हारे साथ ताउम्र....
एक सफ़र में साथ चलनी है।
अगर तुम थाम लो मेरे हाथ तो,
फिर हर मंज़िल की औकात नापनी है।
अब नहीं देखनी हमें....
अपनी आंखों से इन अधूरे ख़्वाबों को।
जो तुम्हें कबूल हो हमारे जज़्बात,
तो तुम्हारे आंखों से....
अपनी ख्वाहिशों की हर ख़्वाब देखनी है।।
©Navneet
"