उससे कह दो कि मेरी सज़ा कुछ कम कर दे, हम पेशे से मु | हिंदी Shayari

"उससे कह दो कि मेरी सज़ा कुछ कम कर दे, हम पेशे से मुज़रिम नहीं हैं बस गलती से इश्क हुआ था । ©Dil Se Dil Tak"

 उससे कह दो कि
मेरी सज़ा कुछ कम कर दे,
हम पेशे से मुज़रिम नहीं हैं
बस गलती से इश्क हुआ था ।

©Dil Se Dil Tak

उससे कह दो कि मेरी सज़ा कुछ कम कर दे, हम पेशे से मुज़रिम नहीं हैं बस गलती से इश्क हुआ था । ©Dil Se Dil Tak

#WorldPoetryDay @Mohd.Rauf

People who shared love close

More like this

Trending Topic