अच्छे हैं सब यहां तो पता नहीं कौन बुरा है फिर हर | हिंदी कविता

"अच्छे हैं सब यहां तो पता नहीं कौन बुरा है फिर हर शख्स के दिल में बसा है प्यार तो ये नफरतों का काफिला कहा से आता है फिर हर एक को देखा मैंने कल महफिल में मुस्कुराते कौन जाने रात में कौन रोता है फिर साथ थे सभी जब थी खुशी अचानक से एक दर्द आया हवा कि तरह सब घुम गए फिर और छोड़ना हि होता है आखिर में किसी को अकेले आंसु बहाने के लिए तो किसी का हाथ क्यु पकड़ते हों फिर ©Indra"

 अच्छे हैं सब यहां तो
पता नहीं कौन बुरा है फिर

हर शख्स के दिल में बसा है प्यार
तो ये नफरतों का काफिला कहा से आता है फिर

हर एक को देखा मैंने कल महफिल में मुस्कुराते
कौन जाने रात में कौन रोता है फिर

साथ थे सभी जब थी खुशी
अचानक से एक दर्द आया हवा कि तरह सब घुम गए फिर

और छोड़ना हि होता है आखिर में किसी को
अकेले आंसु बहाने के लिए
तो किसी का हाथ क्यु पकड़ते हों फिर

©Indra

अच्छे हैं सब यहां तो पता नहीं कौन बुरा है फिर हर शख्स के दिल में बसा है प्यार तो ये नफरतों का काफिला कहा से आता है फिर हर एक को देखा मैंने कल महफिल में मुस्कुराते कौन जाने रात में कौन रोता है फिर साथ थे सभी जब थी खुशी अचानक से एक दर्द आया हवा कि तरह सब घुम गए फिर और छोड़ना हि होता है आखिर में किसी को अकेले आंसु बहाने के लिए तो किसी का हाथ क्यु पकड़ते हों फिर ©Indra

#nogotohindi_ #Mid_Night_Poetry
#LostTracks

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