क्यों तुम.. ख़्वाबों के ज़रिये.. मिलने आते हो..! | हिंदी Quotes

"क्यों तुम.. ख़्वाबों के ज़रिये.. मिलने आते हो..! क्यों तुम.. ख़्वाब की तरह.. सुबह को.. चले जाते हो.! क्यों नहीं.. रह जाते हो तुम.. मेरे साथ.. एक साथ की तरह..! क्यों तुम.. खुशबु की तरह.. महसूस तो होते हो.. पर... नज़र नहीं आते हो..! ©Jaya ki kalam (R)"

 क्यों तुम..
ख़्वाबों के ज़रिये..
मिलने आते हो..! 
क्यों तुम..
ख़्वाब की तरह..
सुबह को..
चले जाते हो.! 

क्यों नहीं..
रह जाते हो तुम..
मेरे साथ..
एक साथ की तरह..! 
क्यों तुम..
खुशबु की तरह..
महसूस तो होते हो.. 
पर...
नज़र नहीं आते हो..!

©Jaya ki kalam (R)

क्यों तुम.. ख़्वाबों के ज़रिये.. मिलने आते हो..! क्यों तुम.. ख़्वाब की तरह.. सुबह को.. चले जाते हो.! क्यों नहीं.. रह जाते हो तुम.. मेरे साथ.. एक साथ की तरह..! क्यों तुम.. खुशबु की तरह.. महसूस तो होते हो.. पर... नज़र नहीं आते हो..! ©Jaya ki kalam (R)

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