White मैं नहीं बिका चूंकि कोई खरीदार न था कश्ती | हिंदी कविता

"White मैं नहीं बिका चूंकि कोई खरीदार न था कश्ती नहीं चलाई दरिया में मैने वहां कोई भंवर न था उठाता कैसे कब्रिस्तान से इक मुट्ठी मिट्टी... जबकि मैं अपनी ही कब्र पर उस वक्त जिंदा खड़ा था ©Aftab Alan"

 White मैं नहीं बिका 
चूंकि कोई खरीदार न था 
कश्ती नहीं चलाई 
दरिया में मैने 
वहां कोई भंवर न था 
उठाता कैसे कब्रिस्तान से
इक मुट्ठी मिट्टी...
जबकि मैं 
अपनी ही कब्र पर 
उस वक्त जिंदा खड़ा था

©Aftab Alan

White मैं नहीं बिका चूंकि कोई खरीदार न था कश्ती नहीं चलाई दरिया में मैने वहां कोई भंवर न था उठाता कैसे कब्रिस्तान से इक मुट्ठी मिट्टी... जबकि मैं अपनी ही कब्र पर उस वक्त जिंदा खड़ा था ©Aftab Alan

#good_night

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