Dil Shayari कोई तबीब भी न कर सके शिफ़ा जिसका वो मर | हिंदी शायरी

"Dil Shayari कोई तबीब भी न कर सके शिफ़ा जिसका वो मर्ज़-ए-मोहब्बत दिल पे लिए बैठे हैं हम नुस्ख़ा-ए-मोहब्बत ढूंढें तो कोई इसका जरा मर्ज़-ए-इत्मीनान की ख़्वाईश लिए बैठे हैं हम ©Dr Shefali Sharma"

 Dil Shayari  कोई तबीब भी न कर सके शिफ़ा जिसका
वो मर्ज़-ए-मोहब्बत दिल पे लिए बैठे हैं हम
नुस्ख़ा-ए-मोहब्बत ढूंढें तो कोई इसका जरा
मर्ज़-ए-इत्मीनान की ख़्वाईश लिए बैठे हैं हम

©Dr Shefali Sharma

Dil Shayari कोई तबीब भी न कर सके शिफ़ा जिसका वो मर्ज़-ए-मोहब्बत दिल पे लिए बैठे हैं हम नुस्ख़ा-ए-मोहब्बत ढूंढें तो कोई इसका जरा मर्ज़-ए-इत्मीनान की ख़्वाईश लिए बैठे हैं हम ©Dr Shefali Sharma

तबीब-डॉक्टर
मर्ज़ ए इत्मिनान-दर्द से राहत
शिफ़ा-ईलाज
कोई तबीब भी न कर सके शिफ़ा जिसका
वो मर्ज़-ए-मोहब्बत लिए बैठे हैं हम.....#शायरी #notojolove #notojohindi

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