आज के लोग सिर्फ तस्वीरों में कैद ही नजर आएंगे , बस | हिंदी कविता

"आज के लोग सिर्फ तस्वीरों में कैद ही नजर आएंगे , बस दिखावा में कोई कमी छोड़ना नहीं चाहेंगे।। ... एक जमाना था?? जब बच्चे अपना बचपन जी लिया करते थे ओर माता-पिता अपनी जवानी और बुढ़ापा दोनों ही जी लेते थे।। तस्वीरो में जिंदगी गुज़ारना अब सीखे है, शायद अंग्रेजी में उसे " इमेज़" कहते है ।। पहले तो तस्वीरे भी "स्टूडियो" में जाकर खिंचवाते थे।। अकेले की नहीं पूरे परिवार की तस्वीरें और यादें कैद होती थी, आज हर घर फ़ोन, हर हाथ में फ़ोन हो गए है, हर मिनट एक तस्वीर खिंचते और लगाते है।। .. अपने जिंदगी के खुबसूरत पल याद रखने के लिए, आज भी कहीं पर दादा-दादी ने?? उन तस्वीरों कहीं किसी बंद बक्से में संभाल रखी होगी।। आज का दौर है ; बच्चों और बड़ों का, बस फ़ोन तक जिंदगी गुजारने का शौक रखते है।। तस्वीरो से निकल कर गुज़ारो जिंदगी, यादों को आंखों में कैद कर लो।। तस्वीरो तक सिमित न रखो जिंदगी 👍👍 ©I_surbhiladha"

 आज के लोग सिर्फ तस्वीरों में कैद ही नजर आएंगे ,
बस दिखावा में कोई कमी छोड़ना नहीं चाहेंगे।।
...
एक जमाना था??
जब बच्चे अपना बचपन जी लिया करते थे ओर 
माता-पिता अपनी जवानी और बुढ़ापा दोनों ही 
जी लेते थे।।
तस्वीरो में जिंदगी गुज़ारना अब सीखे है,
शायद अंग्रेजी में उसे " इमेज़" कहते है ।।
पहले तो तस्वीरे भी "स्टूडियो" में जाकर
 खिंचवाते थे।।
अकेले की नहीं पूरे परिवार की तस्वीरें और 
 यादें कैद होती थी,
आज हर घर फ़ोन,
 हर हाथ में फ़ोन हो गए है,
हर मिनट एक तस्वीर खिंचते और लगाते है।।
..
अपने जिंदगी के खुबसूरत पल याद रखने के लिए,
आज भी कहीं पर दादा-दादी ने??
 उन तस्वीरों कहीं किसी बंद बक्से
 में संभाल रखी होगी।।
आज का दौर है ; बच्चों और बड़ों का,
बस फ़ोन तक जिंदगी गुजारने का शौक रखते है।।
 तस्वीरो से निकल कर गुज़ारो जिंदगी,
यादों को आंखों में कैद कर लो।।
तस्वीरो तक सिमित न रखो जिंदगी 👍👍

©I_surbhiladha

आज के लोग सिर्फ तस्वीरों में कैद ही नजर आएंगे , बस दिखावा में कोई कमी छोड़ना नहीं चाहेंगे।। ... एक जमाना था?? जब बच्चे अपना बचपन जी लिया करते थे ओर माता-पिता अपनी जवानी और बुढ़ापा दोनों ही जी लेते थे।। तस्वीरो में जिंदगी गुज़ारना अब सीखे है, शायद अंग्रेजी में उसे " इमेज़" कहते है ।। पहले तो तस्वीरे भी "स्टूडियो" में जाकर खिंचवाते थे।। अकेले की नहीं पूरे परिवार की तस्वीरें और यादें कैद होती थी, आज हर घर फ़ोन, हर हाथ में फ़ोन हो गए है, हर मिनट एक तस्वीर खिंचते और लगाते है।। .. अपने जिंदगी के खुबसूरत पल याद रखने के लिए, आज भी कहीं पर दादा-दादी ने?? उन तस्वीरों कहीं किसी बंद बक्से में संभाल रखी होगी।। आज का दौर है ; बच्चों और बड़ों का, बस फ़ोन तक जिंदगी गुजारने का शौक रखते है।। तस्वीरो से निकल कर गुज़ारो जिंदगी, यादों को आंखों में कैद कर लो।। तस्वीरो तक सिमित न रखो जिंदगी 👍👍 ©I_surbhiladha

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