ये शामे अब आम होंगी, ये गलियां अब बेनाम होंगी! जि | English Shayari Vi

"ये शामे अब आम होंगी, ये गलियां अब बेनाम होंगी! जिनसे रोज़ मिलना होता था अब, मुलाकात सपनों में उनसे सरेआम होगी !! ©Akanksha Srivastava "

ये शामे अब आम होंगी, ये गलियां अब बेनाम होंगी! जिनसे रोज़ मिलना होता था अब, मुलाकात सपनों में उनसे सरेआम होगी !! ©Akanksha Srivastava

#bffsforlife
#yaar_forever

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