सफर नसीब में होता तो हम बहक जाते ,,या घर करीब में

"सफर नसीब में होता तो हम बहक जाते ,,या घर करीब में होता तो ,, बेखटक जाते ,, अगर न करता इफाजत मैं अपने रास्ते की ,, ख्याल ओ दिल के परिंदे मुझे उचक्क जाते ।। # किसी से रब्बत की इज़्जत में चुप रहे हम लोग ,,वरना अपने बचाओ में दूर तलक जाते ,, अगर वो चांद सा चेहरा न राहबर होता ,, शब ए फ़िराक की राहों में हम भी थक जाते ।। # इमाद,, सर ए आम हमने खुद को ललकारा,, के दिल के चोर बस ऐसे नही खिसक जाते ,, सफर नसीब में होता तो हम बहक जाते ,,या घर करीब में होता तो ,, बेखटक जाते ।। (इमाद अहमद) ©Dr. of thuganomics"

 सफर नसीब में होता तो हम बहक जाते ,,या घर करीब में होता तो ,, बेखटक जाते ,,
अगर न करता इफाजत मैं अपने रास्ते की ,, ख्याल ओ दिल के परिंदे मुझे उचक्क जाते ।।
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किसी से रब्बत की इज़्जत में चुप रहे हम लोग ,,वरना अपने बचाओ में दूर तलक जाते ,,
अगर वो चांद सा चेहरा न राहबर होता ,, शब ए फ़िराक की राहों में हम भी थक जाते ।।
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इमाद,, सर ए आम हमने खुद को ललकारा,, के दिल के चोर बस ऐसे नही खिसक जाते ,,
सफर नसीब में होता तो हम बहक जाते ,,या घर करीब में होता तो ,, बेखटक जाते ।।
(इमाद अहमद)

©Dr. of thuganomics

सफर नसीब में होता तो हम बहक जाते ,,या घर करीब में होता तो ,, बेखटक जाते ,, अगर न करता इफाजत मैं अपने रास्ते की ,, ख्याल ओ दिल के परिंदे मुझे उचक्क जाते ।। # किसी से रब्बत की इज़्जत में चुप रहे हम लोग ,,वरना अपने बचाओ में दूर तलक जाते ,, अगर वो चांद सा चेहरा न राहबर होता ,, शब ए फ़िराक की राहों में हम भी थक जाते ।। # इमाद,, सर ए आम हमने खुद को ललकारा,, के दिल के चोर बस ऐसे नही खिसक जाते ,, सफर नसीब में होता तो हम बहक जाते ,,या घर करीब में होता तो ,, बेखटक जाते ।। (इमाद अहमद) ©Dr. of thuganomics

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