चार कदम बस घऱ से थोड़ी दूर कॉलोनी का पार्क... छोटे छोटे लम्हो को तितली जैसे पकड़ो तो हाथो में रंग रह जाते हैं.... ... थैंक्यू नोजोतो... मुझे ज़िन्दगी चाहिये था जब मैं हार गयी थी.... तुमने वापस मेरी चंचलता, को मुझसे मिला दिया मुझे खोने से तुमने मुझे बचा लिया.... थैंक्यू जादू, थैंक्यू गंदे बच्चे, थैंक्यू बड़े बच्चे ये धरती ये नदिया ये रैना और तुम 😊😊😊😁😁🙏🙏😇😇😊🤭मे