दुपट्टा उसका जो थोड़ा सा खिसक जाए , ना जाने क्या क | हिंदी कविता
"दुपट्टा उसका जो थोड़ा सा खिसक जाए ,
ना जाने क्या क्या बाते बनाते है यह लोग ।
लेकिन जो कोई दुप्पटा खींचे उसका ,
तो क्यों बेजान बुत्त बन जाते है यह लोग ।
और गलती कोई भी करे गुनहगार कोई भी हो ,
सवाल हमेशा लड़की पर ही क्यों उठाते है लोग।"
दुपट्टा उसका जो थोड़ा सा खिसक जाए ,
ना जाने क्या क्या बाते बनाते है यह लोग ।
लेकिन जो कोई दुप्पटा खींचे उसका ,
तो क्यों बेजान बुत्त बन जाते है यह लोग ।
और गलती कोई भी करे गुनहगार कोई भी हो ,
सवाल हमेशा लड़की पर ही क्यों उठाते है लोग।